गठिया का आसान उपाय (treatment of arthritis)
गठिया ( prevention, control and cure of arthritis)-
गठिया (arthritis) एक ऐसा रोग है जिसमे रोगी दर्द से परेशान हो जाता है और उसकी हड्डीया (bones) टेडी पड़ने लगती है जोड़ जाम होने लगते है और बड़ी ही भयानक स्थति हो जाती है इसलिए बहुत आवश्यक है कि इसकी चिकित्सा समय रहते करा ली जायेंगठिया का कारण (causes)-
आयुर्वेद के अनुसार शरीर के सभी रोगों का कारण वात, पित्त, कफ, होता है और गठिया (arthritis) जो है एक वायु और पित्त जनित रोग होता है जिससे हमारे शरीर में घीरे - घीरे होर्मोन्स (hormones) disturb होने लगते है और हमारी bones तक पहुचने वाला कैल्शियम कम जो जाता है तथा bones के छिद्र (pore) बड़े होने लगते है और धीरे - धीरे दर्द (pain) होना शुरू हो जाता है और फिर ये दर्द असहनीय हो जाता है | यूरिक एसिड (uric acid ) बढ़ जाने पर भी जोड़ो में दर्द (joint pain) होता है किन्तु ये रोग गठिया नहीं होता है इसलिए यूरिक एसिड बढ़ जाने पर भी गठिया जैसा ही दर्द होता है इसलिए यदि जांच (testing) में यदि यूरिक एसिड बढ़ा हुआ आये तो जरुरी नहीं है कि वो गठिया हो |

गठिया की पहचान कैसे करें ?
१. गाठो में दर्द होना (joint pain)|
२. गाठो पे सूजन आ जाना |३. रात के समय या सुबह-सुबह दर्द अधिक होना |
४. हड्डियों (bones) का टेड़ा होना |
५. जोड़ो का स्थिर हो जाना (joint stiffness)|

गठिया का आसान उपाय ( knee pain treatment)-
१. सबसे पहले जोड़ो में जहां दर्द है वहां गर्म पानी में नमक डालकर सिकाई करें |२. तिल के तेल से मालिश करें |
३. रोजाना व्यायाम करें |
४. जोड़ो पर एरण्ड या धतुरा ,पान का पत्ता बांधने से दर्द में आराम मिलेगा |
५. सिंघनाथ गुग्गुल या योगराज गुग्गुल पीस कर चूर्ण बना ले और लगातार इसका सेवन करे |
६. यदि यूरिक एसिड (uric acid) यदि बड़ा हुआ हो तो कूल्थी की दाल को रात भिगो दे फिर सुबह पानी छानकर पी लें और दाल को चाट बनाकर खा लें यूरिक एसिड कण्ट्रोल में आ जायेगा |
७. साथ में फिजियोथेरेपी भी कराये तो और अच्छे रिजल्ट मिलेंगे |
८. अज्मोदादिवात तथा अश्वगंध को मिलाकर सेवन करने से भी गठिया में लाभ होता है
0 Comments